MPPSC-2019 के प्री और मेन परीक्षा के परिणाम निरस्त: 587 पदों पर भर्ती के लिए हुए थे एग्जाम, कोर्ट का आदेश नए नियम गलत, पुराने से बनेगा रिजल्ट

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (PSC) – 2019 की परीक्षा के परिणाम को हाई कोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया है| मामला संशोधित नियमों के अनुसार 17 फरवरी से जुड़ा है| हाल ही में हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार दे दिया है| कुल पदक 587 थे| इनमें SDM, DSP जैसे मुख्य पद भी शामिल थे| MPPSC-2019 एमपीपीएससी मे कुल एक साथ 58 याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी|

हाईकोर्ट ने 31 मार्च को ही सुनवाई पूरी कर फैसला सुनिश्चित कर लिया था| लेकिन आज 89 पेजों का विस्तृत आदेश जारी कर दिया है| आदेश के आधार पर हाईकोर्ट ने 2019 की परीक्षा के मुख्य एवं प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों को निरस्त करते हुए यह फैसला लिया है| हालांकि इसी के साथ पुराने नियमों के अनुसार फिर से नया रिजल्ट तैयार करने का आदेश जारी किया है| सभी अभ्यर्थियों का प्रारंभिक परीक्षा का फिर से रिजल्ट बनाया जाएगा| इसमें जो सफल होंगे, उसी के अनुसार उम्मीदवारों की मुख्य परीक्षा कराई जाएगी|

आरक्षित के नियमों को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी

याचिका के जरिए MPPSC-2019 एमपीपीएससी के रिजल्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी| अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद सहाय ने आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) एवं संशोधन दिनांक 17 फरवरी 2020 सहित रिजल्ट को चुनौती दी थी| इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में लगभग 60 याचिकाएं की गई है|

31 मार्च को अंतिम सुनवाई पूरी हुई

  • हाईकोर्ट ने 31 मार्च को अंतिम सुनवाई पूरी कर ली थी| इसमें 49 प्रकरणों को वरीयता के आधार पर निर्णय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को कहा था| इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट में बताया गया था, की एमपीपीएससी MPPSC-2019 में PSC साक्षात्कार तक दिए जा रहे हैं| इस पर हाईकोर्ट ने उत्त्क प्रक्रिया को भी निर्णय के अधीन कर लिया था|

इस प्रकार था एमपीपीएससी के रिजल्ट की याचिकाओं का मामला

MPPSC-2019 की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के रिजल्ट को लेकर आरोप यह था| की विवादित नियमों के तहत परिणाम जारी किए गए थे| आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान छात्रों को सामान्य श्रेणी में शामिल न करने का नियम बना था| इसी को याचिकाओं के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी| मध्य प्रदेश शासन द्वारा 17 फरवरी 2020 को संशोधित नियम लाया गया था| सरकार ने HC को जवाब देते हुए विवादित नियमों को वापस लेने की बात कही थी| हालांकि इसके बावजूद 31 दिसंबर 2021 को PSC 2019 प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के परिणाम विवादित नियमों के तहत जारी कर दिए गए थे| HC नए पुराने नियमों के तहत पुनः रिजल्ट जारी करने का आदेश दीया है|

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