Sahara Group News: सहारा कंपनी की बीमा योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर निकल कर आ गई है। सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के लाइफ इंश्योरेंस बिजनस को एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (SBI Life) के हवाले कर दिया जाने वाला हैं। देश के इंश्योरेंस रेगुलेटर ने इस काम को लेकर। एसबीआई लाइफ का चयन किया है।
2 लाख कस्टमर्स को होगा फायदा
सहारा ग्रुप (Sahara Group) की बीमा योजनाओं में निवेश करने वालों को अच्छी खबर सामने निकल कर आ रही है। सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (SILIC) के लाइफ इंश्योरेंस बिजनस को एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (SBI Life) को सॉफ दिया जानें बाला है। इंश्योरेंस रेगुलेटर इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने इस काम के लेकर एसबीआई लाइफ का चयन किया है। एसआईएलआईसी की करीब दो लाख पॉलिसीज की देनदारियों को एसबीआई लाइफ को तत्काल ट्रांसफर कर दिया जानें वाला है। सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस को 2004 में लाइफ इंश्योरेंस बिजनस के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिया गया था। लेकिन कंपनी में फाइनेंशियल प्रोप्राइटी और गवर्नेंस से संबधित कई समस्याओं के बाद इंश्योरेंस रेगुलेटर ने कंपनी के बिजनस को देख रेख करने के लिए 2017 में एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करा था। एसबीआई लाइफ देश की बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनि से एक है।
एसेट और देनदारी अब एसबीआई लाइफ की
इंश्योरेंस रेगुलेटर ने एक बयान में यह कहा कि एसआईएलआईसी को नियमों का पालन करने में कई मौके और पर्याप्त समय दिया गया था। लेकिन कंपनी उस काम करने में नाकाम रही और उसने पॉलिसीहोल्डर्स के हितों को रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया। साथ ही कंपनी के पॉलिसी डेटा से यह बात सामने निकल कर आई है, कि कंपनी का पोर्टफोलियो दुरुस्त नहीं है। उसकी फाइनेंशियल पोजीशन लगातार खराब हो रही है, इस के साथ ही कंपनी का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। और टोटल प्रीमियम में क्लेम का परसेंटेज ज्यादा है। अगर इस ट्रेंड को जारी रखा गया तो स्थिति बदतर हो जाएगी। और कंपनी की कैपिटल पर असर पड़ेगा। ऐसे में कंपनी पॉलिसीहोल्डर्स की देनदारियों को चुकाने में नाकाम होती जा है। ऐसे में पॉलिसीहोल्डर्स के हितों को खतरा होने की आसंका हो रही है।
सिर्फ पॉलिसी का ट्रांसफर, मर्जर नहीं
इंश्योरेंस रेगुलेटर ने बताया कि उसकी आज हुई मीटिंग में यह फैसला किया गया कि एसआईएलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स के हितों को बचाने के लिए एक्शन लेना बहुत जरूरी है। इसलिए अथॉरिटी ने कंपनी के लाइफ इंश्योरेंस बिजनस को तत्काल प्रभाव से किसी दूसरी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को ट्रांसफर करने का फैसला कर लिया है। रेगुलेटर ने कहा कि उसने कंपनियों के सभी पॉलिसीहोल्डर्स के स्मूद ट्रांजिशन के लिए जरूरी कदम उठाए लिए हैं। इस ऑर्डर को समय पर लागू केराने के लिए एक कमेटी बनाई दी गई है। इसमें मेंबर एक्चुअरी, मेंबर लाइफ और मेंबर एफएंडआई को शामिल कर मिया गया है। एसबीआई लाइफ को एसआईएलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स तक पहुंचने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के लिए कहा गया है। इंश्योरेंस रेगुलेटर ने यह भी कहा कि वह स्थिति पर नजर बनाए हैं, और एसआईएलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स के हित में संपूर्ण जरूरी दिशा निर्देश देता रहेगा।